माँ नर्मदा की गोंद से निकलने वाला वह अद्भुत और पवित्र पत्थर जिसको हम नर्मदेश्वर शिवलिंग कहते है | जो प्रकृति और माँ नर्मदा की अद्भुत रचना है जिन्हें स्वयंभू शिवलिंग के नाम से भी जाना जाता है जो नर्मदा नदी की लहरों से पत्थर टकराकर स्वयं शिवलिंग का रूप धारण कर लेते है| माँ नर्मदा के तल से निकलने के कारण इनमे एक दिव्य और अद्भुत ऊर्जा का संचार होता रहता है| जिसकी पूजा अर्चना अत्यंत फलदायी है| इसमे निर्गुण निराकार भगवान भोलेनाथ स्वयं विराजमान है| यह शिवलिंग स्वप्रतिष्ठित होते है| इनको प्राणप्रतिष्ठा की अवश्यकता नही होती है| नर्मदेश्वेर शिवलिंग को नर्मदा शिवलिंग भी कहा जाता है|